उसने फिर पूछा जवाब में मैं सिर्फ हल्का सा मुस्कुराया। उसने फिर पूछा जवाब में मैं सिर्फ हल्का सा मुस्कुराया।
उसकी तैयारी का त्यौहार अब नहीं मनाया जाता। उसकी तैयारी का त्यौहार अब नहीं मनाया जाता।
जब कटी पतंग का अफ़साना हो भरी दोपहर। जब कटी पतंग का अफ़साना हो भरी दोपहर।
कोई लिये हाथों में है शराब। कोई कूल कोई कहता ख़राब।। कोई लिये हाथों में है शराब। कोई कूल कोई कहता ख़राब।।
फिर एक ख़ुशनुमा सुबह होगी , हाथों में गर्मा गर्म चाय की प्याली होगी। फिर एक ख़ुशनुमा सुबह होगी , हाथों में गर्मा गर्म चाय की प्याली होगी।
इस तरह तुम तैयार करना एक कप चाय उम्मीदों की। इस तरह तुम तैयार करना एक कप चाय उम्मीदों की।